- स्वराज्य करुण
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव
कहाँ मिलेंगे प्यार भरी शहनाई वाले गाँव !
दलबन्दी में उलझे इतना ,
चौपालों को भूल गए ,
झील ,पहाड़ जंगल भूले ,
नदी-नालों को भूल गए !
कहाँ मिलेंगे बरगद की परछाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
रिश्ते-नाते भूल रही है
नए दौर की पीढियां ,
सिर्फ मतलब की है अब
दुआ-सलाम की सीढियां !
कहाँ मिलेंगे खुले दिलों की गहराई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
खेतों में श्रम-गीत नहीं
होठों पर मुस्कान कहाँ ,
सब कुछ यंत्रों के हवाले ,
वो आबाद खलिहान कहाँ !
अब तो केवल और केवल तन्हाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
पास-दूर के शहरों का
मायावी आकर्षण है ,
मृग-तृष्णा के पीछे पागल ,
सब में यह सम्मोहन है !
कहाँ मिलेंगे तालाबों की तरुणाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
दवा नहीं बीमार के लिए
बहती दारू की नदियाँ ,
जाने क्या कहेंगी हमको
आने वाली कई सदियाँ !
माटी के आँगन से गायब धरती माँ के पाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
- स्वराज्य करुण
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव
कहाँ मिलेंगे प्यार भरी शहनाई वाले गाँव !
दलबन्दी में उलझे इतना ,
चौपालों को भूल गए ,
झील ,पहाड़ जंगल भूले ,
नदी-नालों को भूल गए !
कहाँ मिलेंगे बरगद की परछाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
रिश्ते-नाते भूल रही है
नए दौर की पीढियां ,
सिर्फ मतलब की है अब
दुआ-सलाम की सीढियां !
कहाँ मिलेंगे खुले दिलों की गहराई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
खेतों में श्रम-गीत नहीं
होठों पर मुस्कान कहाँ ,
सब कुछ यंत्रों के हवाले ,
वो आबाद खलिहान कहाँ !
अब तो केवल और केवल तन्हाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
पास-दूर के शहरों का
मायावी आकर्षण है ,
मृग-तृष्णा के पीछे पागल ,
सब में यह सम्मोहन है !
कहाँ मिलेंगे तालाबों की तरुणाई वाले गाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
दवा नहीं बीमार के लिए
बहती दारू की नदियाँ ,
जाने क्या कहेंगी हमको
आने वाली कई सदियाँ !
माटी के आँगन से गायब धरती माँ के पाँव ,
कहाँ मिलेंगे फागुन की अमराई वाले गाँव !
- स्वराज्य करुण
हम तो रास्ता भी भूल गए.
ReplyDeleteजरुर मिलेगें जी शासकीय फ़ाईलों में।
ReplyDeleteहोली की हार्दि्क शुभकामनाएं एवं बधाई।
रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
ReplyDeleteरहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
नेह और अपनेपन के
ReplyDeleteइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.