स्वराज्य करुण
सच्चे दिल का जहां हमेशा होता है अपमान ,
नकली चेहरों का हर पल होता है जयगान !
नहीं मिलेगा कहीं वहाँ ईमान -धरम का सूबा
दुनिया में हर देश की है आज यही पहचान !
लूट रहे हैं बेरहमी से वह जनता की दौलत ,
भरी सभा में बेशर्मी से बरसाएं जो मुस्कान !
राजाओं ने मंत्री बन कर लूट लिया भारत को
कोस रहे हैं किस्मत अपनी मेहनतकश किसान !
प्रजातंत्र के मन्त्र -जाप से जो कोई बनता राजा ,
प्रजा की छाती पे चढ कर वह दिखलाता है शान !
नेता ने भी , अफसर ने भी लूटी देश की इज्जत ,
फिर भी उनका नहीं कम हुआ थोड़ा भी सम्मान !
काले धन की काली कमाई से हैं महल-अटारी ,
धन-पशुओं की लीला से अब जनता भी हैरान !
हैवानों से महाभारत में शहीद हो गयी मानवता ,
चक्रव्यूह में बन कर अभिमन्यु जूझ रहा इंसान !
स्वराज्य करुण
सच्चे दिल का जहां हमेशा होता है अपमान ,
नकली चेहरों का हर पल होता है जयगान !
नहीं मिलेगा कहीं वहाँ ईमान -धरम का सूबा
दुनिया में हर देश की है आज यही पहचान !
लूट रहे हैं बेरहमी से वह जनता की दौलत ,
भरी सभा में बेशर्मी से बरसाएं जो मुस्कान !
राजाओं ने मंत्री बन कर लूट लिया भारत को
कोस रहे हैं किस्मत अपनी मेहनतकश किसान !
प्रजातंत्र के मन्त्र -जाप से जो कोई बनता राजा ,
प्रजा की छाती पे चढ कर वह दिखलाता है शान !
नेता ने भी , अफसर ने भी लूटी देश की इज्जत ,
फिर भी उनका नहीं कम हुआ थोड़ा भी सम्मान !
काले धन की काली कमाई से हैं महल-अटारी ,
धन-पशुओं की लीला से अब जनता भी हैरान !
हैवानों से महाभारत में शहीद हो गयी मानवता ,
चक्रव्यूह में बन कर अभिमन्यु जूझ रहा इंसान !
स्वराज्य करुण
गजल के एक एक शेर अपनी बाद अलहदा कहते हैं।
ReplyDeleteसुंदर गजल के लिए आभार भाई साहब
Nice poem on the present state of affairs.
ReplyDeleteआपकी नजर में कोई अलग सा चेहरा आए तो कृपया सूचित कीजिएगा.
ReplyDeleteहैवानों से महाभारत में शहीद हो गयी मानवता
ReplyDeleteचक्रव्यूह में बन कर अभिमन्यु जूझ रहा इंसान !
यथार्थ का बेबाक चित्रण।
अच्छी रचना।
हैवानों से महाभारत में शहीद हो गयी मानवता ,
ReplyDeleteचक्रव्यूह में बन कर अभिमन्यु जूझ रहा इंसान ! bahut achchhi line hai ,badhyiya
हैवानों से महाभारत में शहीद हो गयी मानवता ,
ReplyDeleteचक्रव्यूह में बन कर अभिमन्यु जूझ रहा इंसान ...
बहुत सटीक प्रस्तुति..सुन्दर रचना