नयी रोशनी से आलोकित
जग का हर कोना हो जाए
चप्पा -चप्पा इस धरती का
सुख-सौरभ सोना हो जाए !
चप्पा -चप्पा इस धरती का
सुख-सौरभ सोना हो जाए !
घोर अमावस को भी पूनम
कर दे ऐसा दीप जलाओ ,
दिया तले का अन्धकार जो
हर दे ऐसा दीप जलाओ !
दूर-दूर तक पतझर केवल ,
आस-पास बहार नहीं है .
संकट में हैं घिरी बस्तियां ,
सपनों का संसार नहीं है !
हर एक ह्रदय को आशाओं का
स्वर दे ऐसा दीप जलाओ,
दिया तले का अन्धकार जो
हर दे ऐसा दीप जलाओ !
हर गाँव -गली में मुस्कानों की,
नयी सुबह की खुशहाली हो ,
खेत-खेत और जंगल-जंगल
फुटपाथों में दीवाली हो !
सबके जीवन में उजियारा
भर दे ऐसा दीप जलाओ,
दिया तले का अन्धकार जो
हर दे ऐसा दीप जलाओ !
- स्वराज्य करुण
बहुत उत्तम!!
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
सुरहुति तिहार अऊ देवारी के गाड़ा गाड़ा बधई
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ....
sparkindians.blogspot.com
दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसमीर लाल जी वाली शुभकामनाएँ हमारी भी !
ReplyDeleteअच्छी भावनाएं ...सुन्दर रचना
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनायें
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteउत्तम रचना।
ReplyDeleteचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteअच्छी रचना, दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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