आईए, आईए स्वागत है,-
भारत की धरती पर स्वागत है आपका ओबामा जी /
हम भारत वालों को भूलने की
आदत है ,पर आपको तो
याद होगा - आपकी धरती पर
हमारे आज़ाद मुल्क के
बड़े -बड़े स्वनाम-धन्य
नेताओं का उतारा गया था पजामा जी /
फिर भी कोई बात नही ,
बेफिक्र और बेख़ौफ़ आईए ओबामा जी /
हम लोग ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे /
अपने अतिथि का चीर नहीं हरेंगे /
हमारे लिए तो हर मेहमान होता है भगवान
भले ही वह हमें खिलाए ज़हर
हम उसे खिलाते हैं स्वादिष्ट पकवान
हम तो आपको और आपके वतन से
आने वाले हर ताकतवर इंसान को
मानते हैं अपना चाचा और मामा जी/
आप तो हमारे लिए हैं 'कलि -युगी कृष्ण'
हम हैं आपके लिए सुदामा जी /
फिर वैसे भी आप कहाँ पहनते हैं पजामा जी /
आप तो हैं सूट -पेंट और टाई वाले ,
बेगुनाहों को मारने के लिए
चल रही इराक की लम्बी लड़ाई वाले /
भले ही दुनिया के किसी कोने से
आपके मुल्क की हज़ारों मील की दूरी है
लेकिन उसकी जय बोलना आज हर मुल्क की मजबूरी है /
आप समझदार हैं ,
आपका मुल्क सौदागरों का सरदार हैं ,
भला आपके मुल्क से कौन ले सकता है पंगा ,
खुदा भी उससे डरता है जो है .....(?).
स्वराज्य करुण
हा हा हा मारा पापड़ वाले को।
ReplyDeleteधो दिया आपने ओबामा जी
भले ही ये राष्ट्रपति बन गए
पर हैं तो ये हमारे मामा जी
शुभकामनाएं
परंपरा निभाते हुए अतिथि का चीर न हरें, वह ''.....(?).'' न हो जाय.
ReplyDeleteआख़िरी लाइन पर ढेर सारी मुबारकबाद :)
ReplyDelete:) इसे कहते हैं भिगो भिगो कर मारना ... बहुत तीखा और सटीक व्यंग ...
ReplyDeleteव्यंग्य से भरपूर किन्तु कडवी सच्चाई , बहुत खूब साहब
ReplyDeletesparkindians.blogspot.com
सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई .
ReplyDeleteस्वराज्य जी मिल के खुशी हुई
ReplyDeleteबराक़ साहब के नाम एक खत
महाजन की भारत-यात्रा
सुन्दर व्यंग्य बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सटीक व्यंग ... काश !! ओबामा ये पढ़ पाता... :)
ReplyDeleteबेहद सटीक व्यंग्य !
ReplyDeleteचर्चा मंच के माध्यम से आप को जानने का मौका मिला.
बढिया है
ReplyDeleteबहुत सटीक व्यंग
ReplyDeletekya sateek vyang hai!
ReplyDeleteantim pankti kuch na kahte hue bhi sabkuch kah jati hai!!!
सुंदर सटीक रचना.
ReplyDelete