कमाल है ,धमाल है
लाख टके का सवाल है .
कौन यहाँ दानी और कौन
दलाल है !
भ्रष्टाचार के खिलाफ
देश भर में बरती जा रही
सतर्कता का ये हाल है ,
सतर्कता अधिकारी भी
मालामाल है !
लूट-खसोट के इस
बाज़ार में ,
जिसकी है जितनी ताकत
उसके बटोरने के लिए
उतना ही भरपूर माल है !
चतुर-सुजान बन रहे
रातों-रात अमीर ,
बाकी सब कंगाल हैं !
दोस्तों ! आखिर ये
किसकी चाल है ?
भेड़िये के बदन में
भेड़ की खाल है !
किसी के घर बरस रहा
सोने का सावन ,
कहीं भयानक अकाल है !
स्वराज्य करुण
2/10
ReplyDeleteबहुत हलकी रचना
देश का यही हाल है.
ReplyDeleteजिसकी है जितनी ताकत
ReplyDeleteउसके बटोरने के लिए
उतना ही भरपूर माल है !
हमारे देश की दशा का सही सही बखान किया .....स्थिति में सुधार की बहुत आवश्यकता है
अच्छी रचना
जबरदस्त !
ReplyDeleteउस्ताद जी की चिंता मत कीजियेगा :)
ali ji se sahmat
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