खेल ख़तम ,पैसा भी हजम,
,ठगे -ठगे से रह गए हम ,
वन्दे मातरम ,वन्दे मातरम !
कॉमन वेल्थ के नाम कैसी
लूट मचाई डाकुओं ने ,
बेरहमी से देश को काटा ,
बेईमानी के चाकुओं ने !
कर लो जो भी करना इनका,
देखें किसमे कितना दम ,
वन्दे मातरम,वन्दे मातरम !
चार शब्द के थीम सॉन्ग पर
पांच करोड़ का दाम लगाया ,
नहीं चला तो माफी माँगी ,
फिर भी रूपए नहीं लौटाया !
देखो ये कितना बेशरम ,
खेल ख़तम, पैसा भी हजम ,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम !
अफसर-नेता खाली करके ,
चले गए सब अलमारी ,
बचे-खुचे भी चले जा रहे ,
चुपके से चलेंगे कलमाड़ी !
वतन लुट गया, किसको गम ,
खेल ख़तम, पैसा भी हजम
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम ,
स्वराज्य करुण
Vah..
ReplyDeleteकर लो जो भी करना इनका,
देखें किसमे कितना दम ,
वन्दे मातरम,वन्दे मातरम
आदरणीय सर, कामन-वेल्थ की हकीकत का सही और प्रभावी चित्रण. आपके विचारों से शतप्रतिशत सहमत-बालमुकुन्द
ReplyDelete2/10
ReplyDeleteसाधारण लेखन
नकारात्मक पोस्ट
आज फिर शतक मार कर नाबाद रहे आप !
ReplyDeleteबतरस, निन्दा रस से लबालब.
ReplyDeleteवन्दे मातरम ! वन्दे मातरम !! वन्दे मातरम !!!
ReplyDeleteए आर रहमान को शर्म आनी चाहिए
ReplyDeleteजिस देश का नमक खाया है
उसके साथ नमक हलाली तो करनी चाहिए।
इसके थीम सांग से लाख गुना बेहतर गीत बना कर दलेर मेंहदी ने मुफ़्त में दे दिया। जिसे खुले दिल से लोगों ने सराहा और अपनाया।
इसे कहते हैं देश भक्ति का जज्बा।
दलेर मेंहदी को हम सैल्युट करते हैं।