उड़न तश्तरी ....
काव्य तरंग
ग्राम चौपाल
यायावर
ललित कला
ललितडॉटकॉम
Friday, September 2, 2016
भारत माता की लाश !
हर तरफ बह रहा
सिर्फ बेगुनाहों का रक्त ,
देशभक्ति और देशद्रोह की
परिभाषा नये सिरे से
तय करने का आ गया है वक्त !
लगता है इस गरीब के काँधे पर
उसकी पत्नी नहीं ,
भारत माता की लाश है ,
हर तरफ आज मरी हुई
मानवता की तलाश है !
-- स्वराज करुण
Newer Posts
Older Posts
Home
View mobile version
Subscribe to:
Posts (Atom)