लोकतंत्र में राजनीति अब शानदार व्यवसाय !
कोई छुप कर खाय यहाँ तो कोई खुल कर खाय !!
कोई कहता खुद को इसका पहला , दूजा पाया !
तीजे और चौथे पायों के दिल को भी यह भाया !!
तीजे और चौथे पायों के दिल को भी यह भाया !!
माल मुफ्त का बेरहमी से सबने खूब कमाया !
नेताओं ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी आसान यहाँ जमाया !!
नेताओं ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी आसान यहाँ जमाया !!
सरकारी बंगले में जिसने अपना बोर्ड लगाया !
उसे वहाँ से कोई माई का लाल हटा न पाया !!
उसे वहाँ से कोई माई का लाल हटा न पाया !!
कह करुण कविराय यह तो लक्ष्मी जी की माया !
नेता बनते ही मिल जाए धन- दौलत की छाया !!
नेता बनते ही मिल जाए धन- दौलत की छाया !!
दूर गरीबी को करने की क्यों हो इतनी चिन्ता !
हर गरीब जब नेता बनकर पाए अमीर सी काया !!
-स्वराज्य करुण
हर गरीब जब नेता बनकर पाए अमीर सी काया !!
-स्वराज्य करुण