उठ जाग मुसाफिर जाग ,
होलिका दहन के बाद हरियाणा में
भड़की आरक्षण की आग !
देश के लिए बन गया आरक्षण भस्मासुर
लेकिन भारत भाग्य विधाता
अलमस्त नशे में चूर !
आरक्षण ने फैलाया घनघोर जातिवाद ,
गायब होने लगा समाज से प्यार भरा संवाद !
क्यों ज़रूरी है बोलो आरक्षण की बैसाखी ,
प्रतियोगिता में भी क्यों हो
भेदभाव की झांकी ?
कहते हैं कि जाति-धर्म का
भेद नहीं अपने संविधान में ,
फिर क्यों आग लगाता है कोई अपने हिन्दुस्तान में ?
- - स्वराज्य करुण