दूर -दूर तक नज़र न आए मंज़र क्यों बहारों के
जहाँ भी देखो बैनर -पोस्टर केवल ठेकेदारों के !
रंग-बिरंगे चैनल भी अब हाल चाल क्या बतलाएं
नारों में रंगी दीवार से लगते चेहरे हैं अखबारों के !
अदालतों से बरी हो रहे दौलत के भूखे कातिल भी
नीति,नीयत निर्णय सब कुछ हाथों में हत्यारों के !
अपना दर्द किसे बतलाएं ,सभी व्यस्त हैं अपनों में
इंतज़ार में सदियों से हम पीछे लम्बी कतारों के !
नेताओं के अभिनय से हैं भौचक सारे अभिनेता
गद्दारों की सेवा में लगे सब प्रहरी पहरेदारों के !
-स्वराज्य करुण
आपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर भी पढ़ें;
इसलिए आज 23/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में)
आप भी देख लीजिए एक नज़र ....
धन्यवाद!
धन्यवाद यशवंत जी .
ReplyDeleteगद्दारों की सेवा में लगे सब प्रहरी पहरेदारों के !एकदम सही लिखा है आपने....
ReplyDeleteबढ़िया....
ReplyDeleteअपना दर्द किसे बतलाएं ,सभी व्यस्त हैं अपनों में
इंतज़ार में सदियों से हम पीछे लम्बी कतारों के !
कभी तो नंबर आएगा...उम्मीद अभी बाकी है!!
अनु
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (24-05-2013) के गर्मी अपने पूरे यौवन पर है...चर्चा मंच-अंकः१२५४ पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आज के राजनेताओं की सच्ची तस्वीर
ReplyDeleteबहुत खूब
साभार !
गद्दारों की सेवा में लगे सब प्रहरी पहरेदारों के !-
ReplyDeleteसही तस्वीर खींचा है आपने !
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