लिखो उनके बारे में -
जो नहीं लिख पाते अपनी आप-बीती
जो छल-कपट से भरी इस दुनिया में
हमेशा झेल रहे अन्याय और अनीति /
हमेशा झेल रहे अन्याय और अनीति /
लिखो उन पर क्या गुज़री - जिनकी अस्मत को लूटा
अस्मत के पहरेदारों ने ,
और सबूतों के अभाव में
जिनको छोड़ा क़ानून के ओहदेदारों ने /
खौफनाक चेहरों के सामने
दहशत से कांपती आँखों ने
पहचान कर भी नहीं पहचाना
अगर उन दरिंदों को ,
क्या सिर्फ इसलिए हम भूल जाएँ
उन घायल परिंदों को ?
क्या इसलिए नहीं लिखेंगे हम उनका दर्द
कि वे नहीं हैं हमारे भाई , हमारी बहन-बेटियाँ ,
जिनकी जिंदगी से हुआ खुलकर खिलवाड़,
जिनके लिए बंद है क़ानून की हर खिड़की
और हर किवाड़ /
अगर होता उनकी जगह हमारा-तुम्हारा
परिवार / तब क्या करते हम-तुम मेरे यार ?
इसलिए गुजारिश है मेरी -
लिखो उनकी बात
जिनकी राहों से अब तक नहीं मिटी
स्याह काली रात /
लिखो दोस्तों ! लिखो !
उनके घर-परिवार की
पीड़ा - जिनको कुचला खुली सड़क पर
किसी दबंग की कारों ने /
ज़ज्बात जिनके गुम हो जाते
लफंगों के लफ्फाज़ नारों में /
बेरहमों और बेईमानों के इस मायावी
संसार को समझ कर,
संसार को समझ कर,
लिखो भी अब इंसानों के बारे में ,
जिनके हिस्से की धरती को निगल रहा आकाश,
बंधक है जिनका भविष्य ,
कैद है जिनका वर्तमान,
तुम लिखो उनका इतिहास /
लिखने से कुछ हो न हो ,
इतना तो होगा ज़रूर-
दिल के किसी कोने में कौंधेगा कोई विचार
होगा अँधेरे में कुछ रौशनी का आभास /
स्वराज्य करुण
कृश्न चन्दर की एक कहानी याद आ रही है 'सबसे बड़ा लेखक' कहानी का नायक जीवन में कुछ नहीं लिख पाता फिर भी उसका मित्र उसे सबसे बड़ा लेखक मानता है.
ReplyDeleteandere mai roshni ki aabhas. kaid mai jinka vartman. agar unki jagah hota hamara tumhara privar.tab ham tum kya karte mere yaar. its nice thoughts
ReplyDeleteतुम लिखो उनका इतिहास /
ReplyDeleteलिखने से कुछ हो न हो ,
इतनातो होगा ज़रूर-
दिलके किसी कोने में कौंधेगा कोई विचार
होगाअँधेरे में कुछ रौशनी का आभास ..
बहुत सशक्त रचना ...सामाजिक चेतना जगाती हुई
तुम लिखो उनका इतिहास /
ReplyDeleteलिखने से कुछ हो न हो ,
इतनातो होगा ज़रूर-
दिलके किसी कोने में कौंधेगा कोई विचार
होगाअँधेरे में कुछ रौशनी का आभास
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विचारणीय ..... एक सार्थक और प्रभावी रचना
बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteबाल दिवस की शुभकामनायें.
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (15/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
sadhuwaad !!!!!
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