-- स्वराज करुण
गुजरात के सूरत शहर के एक आर्ट कोचिंग संस्थान में कल भयानक अग्नि दुर्घटना हुई । हालांकि आग बुझाने की तमाम कोशिशें भी हुईं ,लेकिन अचानक लगी आग में झुलसने से कई विद्यार्थियों की मौत हो गयी । एक अत्यंत हृदयविदारक घटना है । दिवंगतों को विनम्र श्रद्धांजलि । कुछ समय पहले मैंने अपने एक फेसबुक पोस्ट में यह सुझाव दिया था कि देश भर में फैले कोचिंग सेंटरों का सरकारी पंजीयन होना चाहिए । मुझे लगता है कि इस भयानक हादसे को देखते हुए अब सभी प्रकार के कोचिंग संस्थानों का पंजीयन अनिवार्य करने का समय आ गया है ।
उनके सरकारी पंजीयन के लिए प्रावधान भी तय कर दिए जाएं ,जिनमें कोचिंग फीस , छात्र संख्या के हिसाब से भवन व्यवस्था ,अग्नि सुरक्षा , वहाँ पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता आदि को लेकर नियम स्पष्ट हों । पंजीयन से उन पर सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण रहेगा ,उनके रिकार्ड सरकार के पास भी उपलब्ध रहेंगे और विद्यार्थियों के हित भी सुरक्षित रहेंगे ।
वर्तमान में अपने प्रचार -प्रसार के लिए अखबारों और टीव्ही चैनलों में बड़े -बड़े विज्ञापन देने वाली कोचिंग संस्थाओं द्वारा भी अपने सरकारी पंजीयन का कोई उल्लेख विज्ञापनों में नहीं किया जाता ।इससे ऐसा लगता है कि उनके शासकीय रजिस्ट्रेशन की अभी कोई व्यवस्था नहीं है ।
मेरा यह भी सुझाव है कि अगर स्कूल स्तर का कोचिंग सेंटर है तो स्कूल शिक्षा विभाग में , अगर कॉलेज स्तर की कोचिंग है तो उच्च शिक्षा विभाग में ,अगर मेडिकल पढ़ाई की कोचिंग है तो चिकित्सा शिक्षा विभाग में और अगर इंजीनियरिंग की कोचिंग है तो तकनीकी शिक्षा विभाग में पंजीयन अनिवार्य रूप से होना चाहिए ।शासकीय अधिकारियों द्वारा अनिवार्य रूप से उनका नियमित निरीक्षण भी किया जाना चाहिए ।
(तस्वीर : Google से साभार )
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