दोनों हाथों चमन लूटते किसम -किसम के अपराधी ,
शायद अपनी किस्मत में है वतन की ऐसी बर्बादी !
ऐश कर रहे देश के धन पर नेता,अफसर ,माफिया ,
काली कमाई में है सबकी हिस्सेदारी आधी-आधी !
सोने की चिड़िया के घर से जाने क्या-क्या लूट गए ,
बँटवारे में दे गए उसको बेघर होने की आज़ादी !
फिरंगियों के जाल से बचकर फँस गयी उनकी चाल में,
देश की भोली जनता भी है , देखो कितनी सीधी-सादी !
वादे उनके ऐसे -ऐसे, परदादों का दिल खुश कर दें,
उनके भरोसे सतयुग के इंतज़ार में बैठी है दादी !
झुग्गी मिटाकर महल बनाते शहर के ठेकेदार यहाँ ,
माटी का घर मिटता देख रोये मेहनतकश आबादी !
अदालतों की मन मर्जी है , अर्जी पर कब हो सुनवाई ,
सात पीढ़ियों से सीढ़ी पर भले ही बैठा हो फरियादी !
गांधी जी के चरखे को भी चबा गयी मशीनी डायन
नकली गांधी पहन घूमते गली-गली में नकली खादी !
बेशर्मों का बेख़ौफ़ हमला लोकतंत्र की सरहद पर ,
घायल होकर अहिंसा गायब , खोज में होती नहीं मुनादी !
-- स्वराज्य करुण
अन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
ReplyDeleteआज जरूरत है जन-जन के सोये सुमन जगाने की।।
आँखे करके बन्द चमन के माली अलसाये हैं,
नौनिहाल पादप जीवन की बगिया में मुर्झाये हैं,
आज जरूरत है धरती में, शौर्य बीज उपजाने की।
दोनों हाथों चमन लूटते किसम -किसम के अपराधी ,
ReplyDeleteशायद अपनी किस्मत में है वतन की ऐसी बर्बादी !
ऐश कर रहे देश के धन पर नेता,अफसर ,माफिया ,
काली कमाई में है सबकी हिस्सेदारी आधी-आधी !
acchi rachna aabhaar sir ji
shaayad apni kismat me hai vatan ki aisi barbaadi\
sir ji face book par aap kya naam se account khol rakhe hai plz add me charandeep pithora
गांधी जी के चरखे को भी चबा गयी मशीनी डायन
ReplyDeleteनकली गांधी पहन घूमते गली-गली में नकली खादी !
bahut kuchh sahi abhivaykti.