जनता की जेब पर
हर दिन ,हर पल
लग रही है
ज़ोरदार चपत /
उनके महलनुमा बंगले के
पिछले दरवाजे से
बिचौलिए कर रहे लाखों-करोड़ों ,
अरबों-खरबों की खपत /
गजब है तमाशा,
मायावी भाषा,
सूचना के अधिकार और
पारदर्शिता के इस युग में भी
श्रीमानजी लेते हैं -
'सत्य-निष्ठा' से
पद और गोपनीयता की शपथ /
उनके 'सत्य' की निष्ठा
वाकई 'गोपनीय 'होती है ,
वह आखिर करें भी क्या
अगर उनके सामने
देश की सच्चाई रोती है,
इसीलिए तो
जनता के बीच वह
पूरी 'गोपनीयता' से सच बोलते हैं ,
महंगाई कम करने के नाम पर
रंग-बिरंगे वायदों के
खिलौनों का पिटारा खोलते हैं /
न हो सका पूरा कोई वायदा
तो कह देंगे -
खिलौना था , टूट गया
क्या हुआ जो
कोई वोटर रूठ गया /
आएगा मौसम मतदान का
तो उसे मना लेंगे
नोट से वोट खरीदकर
काम अपना हम बना लेंगे /
स्वराज्य करुण
हर दिन ,हर पल
लग रही है
ज़ोरदार चपत /
उनके महलनुमा बंगले के
पिछले दरवाजे से
बिचौलिए कर रहे लाखों-करोड़ों ,
अरबों-खरबों की खपत /
गजब है तमाशा,
मायावी भाषा,
सूचना के अधिकार और
पारदर्शिता के इस युग में भी
श्रीमानजी लेते हैं -
'सत्य-निष्ठा' से
पद और गोपनीयता की शपथ /
उनके 'सत्य' की निष्ठा
वाकई 'गोपनीय 'होती है ,
वह आखिर करें भी क्या
अगर उनके सामने
देश की सच्चाई रोती है,
इसीलिए तो
जनता के बीच वह
पूरी 'गोपनीयता' से सच बोलते हैं ,
महंगाई कम करने के नाम पर
रंग-बिरंगे वायदों के
खिलौनों का पिटारा खोलते हैं /
न हो सका पूरा कोई वायदा
तो कह देंगे -
खिलौना था , टूट गया
क्या हुआ जो
कोई वोटर रूठ गया /
आएगा मौसम मतदान का
तो उसे मना लेंगे
नोट से वोट खरीदकर
काम अपना हम बना लेंगे /
स्वराज्य करुण
बेहतरीन कटाक्ष्।
ReplyDeleteवाह वाह बहुत ही जबरदस्त लिखा है आपने
ReplyDeleteआएगा मौसम मतदान का
ReplyDeleteतो उसे मना लेंगे
नोट से वोट खरीदकर
काम अपना हम बना लेंगे /
सही कहा स्वराज जी बिलकुल सही
वाह बहुत ही जबरदस्त लिखा है आपने
ReplyDeleteबढिया लिखा है !!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कटाक्ष ..
ReplyDeleteसत्य निष्ठा की शपथ पर कायम रहते हैं।
ReplyDeleteलेन-देन की जानकारी किसी को नहीं देते हैं।
बेहतरीन प्रस्तुती....
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