-- स्वराज्य करुण
अरे भई ! अब तो
बस भी करो !
हमने मान लिया
ओसामा के बिना ओबामा
था लंबे अरसे से बेचैन ,
लेकिन तुम लोग और
कितने दिनों तक
दिखाते रहोगे
कब,कहाँ और कैसे मरा लादेन ?
क्या और कोई खबर नही है
इस दोतरफा हुए
खून-खराबे के सिवा,
बेकार में हो रहे
शोर-शराबे के सिवा ?
क्या हो गया है
तुम्हारे कैमरों की आँखों में ,
जो देख नहीं पा रही
सच्चाई को नज़रबंदी की सलाखों में ?
अच्छा हुआ, जो मारा गया
लाखों बेगुनाहों का एक हत्यारा ,
लेकिन देश और दुनिया में
हैं उससे भी बड़े कई खौफनाक हत्यारे
जो बड़े आराम से देख रहे हैं
इस खूनी लड़ाई के भयानक नज़ारे !
कातिलों की खुली महफ़िल में
ठहाके लगा रही है -
महंगाई और बेरोजगारी ,
दानवों की तरह अट्टहास
कर रहा है भ्रष्टाचार ,
एक हत्यारे के क़त्ल का
सजीव प्रसारण देखने और दिखाने
में व्यस्त हो गयी है दुनिया ,
इधर खूब फल-फूल रहा है
हर तरह का काला कारोबार !
आखिर कब
मरेगा - महंगाई ,बेकारी और
भ्रष्टाचार का लादेन ,
वो तो खूब मजे में है
जो है इन आदमखोरों की देन !
-- स्वराज्य करुण
अरे भई ! अब तो
बस भी करो !
हमने मान लिया
ओसामा के बिना ओबामा
था लंबे अरसे से बेचैन ,
लेकिन तुम लोग और
कितने दिनों तक
दिखाते रहोगे
कब,कहाँ और कैसे मरा लादेन ?
क्या और कोई खबर नही है
इस दोतरफा हुए
खून-खराबे के सिवा,
बेकार में हो रहे
शोर-शराबे के सिवा ?
क्या हो गया है
तुम्हारे कैमरों की आँखों में ,
जो देख नहीं पा रही
सच्चाई को नज़रबंदी की सलाखों में ?
अच्छा हुआ, जो मारा गया
लाखों बेगुनाहों का एक हत्यारा ,
लेकिन देश और दुनिया में
हैं उससे भी बड़े कई खौफनाक हत्यारे
जो बड़े आराम से देख रहे हैं
इस खूनी लड़ाई के भयानक नज़ारे !
कातिलों की खुली महफ़िल में
ठहाके लगा रही है -
महंगाई और बेरोजगारी ,
दानवों की तरह अट्टहास
कर रहा है भ्रष्टाचार ,
एक हत्यारे के क़त्ल का
सजीव प्रसारण देखने और दिखाने
में व्यस्त हो गयी है दुनिया ,
इधर खूब फल-फूल रहा है
हर तरह का काला कारोबार !
आखिर कब
मरेगा - महंगाई ,बेकारी और
भ्रष्टाचार का लादेन ,
वो तो खूब मजे में है
जो है इन आदमखोरों की देन !
-- स्वराज्य करुण
Mangai aur bhrastrachar ko khatm karne ke liye aatmabal aur ichhashakti ki avasyakta hai.
ReplyDeletejo hamare netaon me najar nahi ati. jis din desh ka yuva uth khada hoga. us din ise bhi samudra me dfn kiya jayega.
aabhar
वक़्त की बर्बादी और मुद्दों से भटकाव वाले स्रोतों से कमाई कैसे करना है कोई इनसे सीखे !
ReplyDeleteआखिर कब
ReplyDeleteमरेगा - महंगाई ,बेकारी और
भ्रष्टाचार का लादेन ,
वो तो खूब मजे में है
जो है इन आदमखोरों की देन !
ये तो अपने आप मर जायेगा बस भौतिकवादी सोंच त्याग कर लोग मानवतावादी सोंच अपनाएं.