नहीं रुका है, नहीं रुकेगा ,सदा ही बढ़ता जाएगा ,
संघर्षों की पहाडियों पर सदा ही चढता जाएगा !
जलते रेगिस्तानों में भी चलते जाना काम है इसका
अंधियारे में दीपक बन कर जलते जाना काम है इसका !
साथी ये है समय का सूरज ,पथ इसका गतिमान है रहता ,
उगना पूरब में , पश्चिम में ढलते जाना काम है इसका !
लड़ता ही रहा है बाधाओं से , सदा ही लड़ता जाएगा
नहीं रुका है, नहीं रुकेगा , सदा ही बढता जाएगा !
सदियाँ बीती ,युग बीते हैं , जाने कितने दिन बीतेंगे ,
तभी मिलेगी मंजिल अपनी , हर हाल में जिसे जीतेंगे !
जाने कितने नए साल तब खुशियाँ ले कर आएँगे ,
जन-जन के आकाशी -मन में नयी सुबह बन छाएंगे !
दिन का नया प्रकाश तब अमावस को हरता जाएगा ,
नहीं रुका है ,नहीं रुकेगा ,सदा ही बढ़ता जाएगा !
हमारी आशाओं का प्रतीक है, समय का सूरज. नया साल मुबारक.
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