तुम बिन दीप जलाऊँ कैसे , कह दो मेरे प्रियतम कह दो !
मुश्किल है सच दर्द भरे
अहसासों का वर्णन करना ,
ज्यों पूनम की चाँदनी को
प्रेम-गीत का अर्पण करना !
इस जीवन को नील गगन में बिन बादल का मौसम कह दो !
बिन तुम्हारे मुझे हर सपना
घर से हरदम बेघर लगता है ,
तुम बिन मेरा चित्र अधूरा ,
इसीलिए तो डर लगता है !
चाहत के अधूरे चाँद को भी तुम चाहो तो पूनम कह दो !
और कितना इंतज़ार यहाँ
धीरज ही जब ऊब गया ,
सांझ सिंदूरी का क्या होगा ,
सूरज ही जब डूब गया !
स्याह रात में झींगुरों की आवाजों को सरगम कह दो !
किरण सुबह की बिना तुम्हारे
जाने क्यों नहीं भाती है
उजियारे से निष्कासित यह
जीवन दिया बाती है !
मुझे तो लगता हर पल शोला ,तुम चाहो तो शबनम कह दो !
- स्वराज्य करुण
( चित्र : google से साभार )
दीपावली की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteप्रात:वेला में खुबसूरत गीत पढने मिला।
ReplyDeleteदीप पर्व की हार्दिक बधाई
बहुत ही भावपूर्ण रचना..... happy diwali...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteदिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
दीप जला दें, वांछित का आगमन हो जाएगा.
ReplyDeleteदीप जला, प्रकाश हुआ और वे आये! शुभकामनायें!
ReplyDeleteमन की अभिलाशा पूर्ण हो।आपको भी सपरिवार दीपावली की हार्दिक मंगल कामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव्………………दीपावली पर्व अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteअभीष्ट सिद्ध हो!
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति...
शुभकामनाएं!
आप को भी परिवार समेत दीवाली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteचर्चा मंच परिवार की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआइए आप भी हमारे साथ आज के चर्चा मंच पर दीपावली मनाइए!
ज्योति पर्व की बहुत -२ बधाईयाँ , सुन्दरसृजन को , सम्मान ....मंगलमय हो दीपावली ../
ReplyDeleteAapko tatha aapke pariwar ko deepawali ki hardik subhkamna.
ReplyDeleteदीप पर्व आपको सपरिवार शुभ हो !
ReplyDeleteकल 03/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!