यह वाकई एक अनोखा संयोग नहीं तो और क्या है कि जिस दिन काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर दिल्ली के राजघाट में समाजसेवी अन्ना हजारे साहब का एक दिवसीय सत्याग्रह और अनशन चल रहा था,ठीक उसी दिन यानी आठ जून को छत्तीसगढ़ सरकार भष्टाचार के विरुद्ध अपने छापामार अभियान को तेज करते हुए राज्य के एक सहायक आबकारी अफसर के महासमुंद, रायपुर, भिलाई नगर और राजनांदगांव समेत कुनकुरी (जिला_जशपुर ) स्थित उसके ठिकानों पर दबिश देकर लगभग तीन करोड़ १८ लाख रूपए की अनुपातहीन संपत्ति का मामला उजागर कर रही थी. निश्चित रूप से मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह की सरकार इसके लिए जनता की ओर से सराहना और धन्यवाद की पात्र है . कि वह राज्य में भ्रष्ट अफसरों की काली कमाई को उजागर करने के लिए लगातार छापे डलवा रही है. इससे सरकार की सदाशयता भी उजागर होती है कि वह शासकीय सेवाओं में शुचिता की हिमायती है.
स्थानीय अखबारों के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी ए.सी.बी .के छापामार दल ने इस अधिकारी की पत्नी के नाम पर भिलाई नगर के एक बैंक में रखा लॉकर खुलवाया तो सब उस वक्त भौचक रह गए जब इस लॉकर से करीब दस फीट लंबी सोने की चैन मिली ,जिसकी कीमत साढ़े आठ लाख रूपए होने का अनुमान लगाया जा रहा है.इस लॉकर से सोने के दो बिस्किट भी मिले हैं . मामूली मासिक वेतन वाले द्वितीय श्रेणी के अधिकारी के यहाँ छापे की कार्रवाई में मिली चल-अचल संपत्ति पर ज़रा एक नज़र आप भी डालिए तो सही-
मैत्री कुञ्ज भिलाई नगर में नौ हजार वर्ग फीट ज़मीन पर एक करोड़ तीस लाख रूपए का एक मकान, राजनांदगांव के बन सांकरा में सोलह एकड़ के रकबे में एक विशाल फ़ार्म हाऊस और दोमंजिला मकान , जशपुर जिले के कुनकुरी में १८ हजार वर्ग फीट भूमि पर चालीस लाख रूपए का मकान, ग्राम खल्लारी के पास तेलीबांधा में १५ लाख रूपए की छह एकड़ ज़मीन, तीन मोटर कारें , लगभग तेरह लाख ६१ हजार रूपए मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण ,और भी न जाने क्या-क्या !
भ्रष्ट अधिकारी पर यह कार्रवाई एक ऐसे मौके पर चल रही थी ,जब भारत स्वाभिमान मंच ने काले धन और भ्रष्टाचार के विरोध में बाबा रामदेव के सत्याग्रह और उनके हजारों सत्याग्रहियों पर दिल्ली में चार जून को हुए अत्याचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया था ,जो काफी शांत और सफल रहा . एक भ्रष्ट अधिकारी की काली कमाई का यह सरकारी खुलासा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई मेरे ख़याल से अन्ना साहब के सत्याग्रह और बाबा रामदेव के आंदोलन की भावनाओं के अनुरूप है. अधिकारी पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम १९८८ के प्रावधानों के अनुसार जुर्म दर्ज कर लिया गया है. देश के सभी राज्यों में आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हैं .अगर वे भी छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ठान लें कि भ्रष्ट लोगों की करतूतों को उजागर करना है,और उन्हें क़ानून के हवाले करना है, तो प्रशासन में भ्रष्टाचार काफी हद तक कम हो सकता है.
स्वराज्य करुण
स्थानीय अखबारों के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी ए.सी.बी .के छापामार दल ने इस अधिकारी की पत्नी के नाम पर भिलाई नगर के एक बैंक में रखा लॉकर खुलवाया तो सब उस वक्त भौचक रह गए जब इस लॉकर से करीब दस फीट लंबी सोने की चैन मिली ,जिसकी कीमत साढ़े आठ लाख रूपए होने का अनुमान लगाया जा रहा है.इस लॉकर से सोने के दो बिस्किट भी मिले हैं . मामूली मासिक वेतन वाले द्वितीय श्रेणी के अधिकारी के यहाँ छापे की कार्रवाई में मिली चल-अचल संपत्ति पर ज़रा एक नज़र आप भी डालिए तो सही-
मैत्री कुञ्ज भिलाई नगर में नौ हजार वर्ग फीट ज़मीन पर एक करोड़ तीस लाख रूपए का एक मकान, राजनांदगांव के बन सांकरा में सोलह एकड़ के रकबे में एक विशाल फ़ार्म हाऊस और दोमंजिला मकान , जशपुर जिले के कुनकुरी में १८ हजार वर्ग फीट भूमि पर चालीस लाख रूपए का मकान, ग्राम खल्लारी के पास तेलीबांधा में १५ लाख रूपए की छह एकड़ ज़मीन, तीन मोटर कारें , लगभग तेरह लाख ६१ हजार रूपए मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण ,और भी न जाने क्या-क्या !
भ्रष्ट अधिकारी पर यह कार्रवाई एक ऐसे मौके पर चल रही थी ,जब भारत स्वाभिमान मंच ने काले धन और भ्रष्टाचार के विरोध में बाबा रामदेव के सत्याग्रह और उनके हजारों सत्याग्रहियों पर दिल्ली में चार जून को हुए अत्याचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया था ,जो काफी शांत और सफल रहा . एक भ्रष्ट अधिकारी की काली कमाई का यह सरकारी खुलासा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई मेरे ख़याल से अन्ना साहब के सत्याग्रह और बाबा रामदेव के आंदोलन की भावनाओं के अनुरूप है. अधिकारी पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम १९८८ के प्रावधानों के अनुसार जुर्म दर्ज कर लिया गया है. देश के सभी राज्यों में आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हैं .अगर वे भी छत्तीसगढ़ सरकार की तरह ठान लें कि भ्रष्ट लोगों की करतूतों को उजागर करना है,और उन्हें क़ानून के हवाले करना है, तो प्रशासन में भ्रष्टाचार काफी हद तक कम हो सकता है.
स्वराज्य करुण
raman ji ki pahal swagat yogay hai .bhrashtachar nivaran me isi prakar ke prayas kiye jane chahiyen .sarthak post .aabhar
ReplyDeleteसही विश्लेषण
ReplyDeleteवंदना जी का सन्देश --
ReplyDeleteआपकी रचना यहां भ्रमण पर है आप भी घूमते हुए आइये स्वागत है
http://tetalaa.blogspot.com/
बात मुख्यतः आइएएस अफ़सरो पर आकर टिक जाती है व्य्वस्था पर कब्जा जमा चुके ये लोग सबसे अधिक जिम्मेदार है पूरे हालात के लिये पर इन्हे कोई नही पूछ रहा मीडिया भी इनके प्रकोप से दूर ही रहना पसंद करता है इनकी अकूत शक्तियों और दौलत के सामने भारत की जनता नतमस्तक है किसी आईपीएस की नजर तेढ़ी हो जाने पर आप किसी भी दिन विनायक सेन बनाये जा सकते हैं और तब आपके पड़ोसी भी आपको नीची नजर से देखेंगे
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (11.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
सही विश्लेषण| उम्दा प्रस्तुति|
ReplyDeleteबहुत सटीक प्रस्तुति!
ReplyDeleteभाई साहब, आपने गंभीर समस्या की ओर इशारा किया है, आई ओ डब्लु छोटे मोटे अधिकारियों के यहाँ छापे मार कर भ्रष्ट्राचार उजाकर करने के मुगालते में रह कर अपनी पीठ थप थपा रहा है।
ReplyDeleteमैने कभी नहीं सुना कि इन्होने किसी बड़े अधिकारियों (IAS,IPS,IFS) के यहाँ छापा मार कर भ्रष्ट्राचार उजागर किया है।
अच्छी पोस्ट