Friday, September 16, 2022

(आलेख) गाड़ियों की चकाचौंध रौशनी से भी हो रहे हैं सड़क हादसे

                                       (आलेख : स्वराज्य करुण   )

वैसे तो हमारे देश में सड़क हादसों के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि उनमें एक बड़ा कारण इस दौर की गाड़ियों में लगी  हेडलाइट्स की चकाचौंध कर देने वाली रौशनी को भी माना जा सकता है।  चाहे मोटरसाइकिल हो , कार हो , बस हो या ट्रक,  आजकल लगभग हर प्रकार की गाड़ियों में तेज प्रकाश वाले  हेडलाइट्स लगे होते हैं। 

 रात के समय आमने -सामने आ रही गाड़ियों के हेडलाइट्स की रौशनी इतनी चमकदार होती है कि कुछ पल के लिए ड्राइवर की आँखों के आगे भी अंधेरा छा जाता है। ऐसे में उसका संतुलन बिगड़ जाता है और दोनों वाहनों में आमने -सामने टक्कर हो जाती है। फलस्वरूप जानलेवा हादसे हो जाते हैं। नियमानुसार  हेडलाइट्स पर  एक  निश्चित आकार में काले रंग की पट्टियाँ लगाना अनिवार्य है । लेकिन इस पर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है । 

      कुछ वर्ष पहले वाहनों में काले रंग की पट्टियों  वाले  हेडलाइट्स दिखते थे और समय -समय पर इसके लिए जागरूकता बढ़ाने का अभियान भी चलाया जाता  था ।  काली पट्टी विहीन गाड़ियों को रोककर उनके चालकों के सामने  हेडलाइट्स में पट्टियाँ  लगाई जाती थी ।  लेकिन अब तो बाइक और फोर व्हीलरों के नये -नये मॉडल आ गए हैं । पुरानी तो छोड़िए ,नयी गाड़ियों के हेडलाइट्स में भी ये पट्टियाँ नहीं होती । चाहे टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर ,  लगभग शत -प्रतिशत गाड़ियों का यही हाल है । बड़ी -बड़ी ट्रकों और लग्ज़री बसों का तो कहना ही क्या ? 

   मेरे ख़्याल से अब ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिए कि वाहनों के हेडलाइट्स में इनबिल्ट काली पट्टियाँ लगी हों । निर्माताओं के लिए यह अनिवार्य किया जाए । कोई भी ऑटोपार्ट्स की दुकान बगैर काली पट्टी वाले हेडलाइट्स न बेचे और अगर कोई रात्रि में काली पट्टी विहीन गाड़ी चलाता दिखे तो उस पर जुर्माना किया जाए ।  ऐसे वाहन चालक खुद तो जोख़िम उठाते ही हैं , दूसरों की ज़िन्दगी को भी  ख़तरे में डाल देते हैं ।

   - स्वराज्य करुण 

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