(आज छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर विशेष )
नये भारत के नक्शे पर चमका एक सितारा
नदियों ,पर्वत , मैदानों का छत्तीसगढ़ हमारा !
मायूसी के मेघ छँट गये ,आलोकित आकाश ,
जिसकी किरणों से रौशन घर आंगन सारा !
सफर है लम्बा , दूर है मंजिल, कोई बात नहीं ,
निकल पड़े हैं तो चलना है , थका कभी न हारा !
पलक झपकते साल ग्यारह ऐसे निकल गये ,
बचपन के दिन पल में जैसे होते नौ दो ग्यारा !
महानदी ,शिवनाथ , पैरी ,इन्द्रावती और शबरी
उत्तर -दक्षिण,पूरब-पश्चिम ,प्यार की जलधारा !
धान की धरती ,ज्ञान की धरती है देश की शान
भोली सूरत ,प्रेम की मूरत, इक-दूजे का सहारा !
दूर-दूर तक अनुगूंज है खेतों खलिहानों में,
मेहनत,मेहनत ,मेहनत और मेहनत का ही नारा !
अपने खून-पसीने से जो सींच रहे हैं बगिया को ,
उन्हें भूल कर कैसे लगाएं विकास का जयकारा !
सबको साथ लेकर चलना हो सबका एक मकसद ,
सबके सुख-दुःख का सबके संग हो हरदम बंटवारा !
सब मिल करें खूब तरक्की , कोई रहे न पीछे ,
सब मिल खाएं खूब प्यार से जमकर मीठा-खारा !
- स्वराज्य करुण
छाया चित्र : google से साभार
छतीसगढ़ के स्थापना दिवस की शुभकामनायें ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसब मिल करें खूब तरक्की , कोई रहे न पीछे ,
ReplyDeleteराज्य स्थापना दिवस की अनेक बधाई.. धान की धरती ,ज्ञान की धरती है देश की शान
भोली सूरत ,प्रेम की मूरत, इक-दूजे का सहारा !
दूर-दूर तक अनुगूंज है खेतों खलिहानों में,
मेहनत,मेहनत ,मेहनत और मेहनत का ही नारा !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteछठपूजा की शुभकामनाएँ!
हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteछतीसगढ़ के स्थापना दिवस की शुभकामनायें ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर छत्तीसगढ गीत
ReplyDeleteस्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
अति-सुन्दर गजल .
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ निर्माण की 11 वी वर्षगांठ की हार्दिक बधाई .
behtreen...prstuti...
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