Thursday, August 15, 2019

((ग़ज़ल ) आज़ादी ...?

सभी मित्रों को आज़ादी के महापर्व और रक्षाबन्धन  की हार्दिक शुभेच्छाएँ ।   स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 36 साल पहले दैनिक ' देशबन्धु ' में प्रकाशित मेरी एक रचना । कृपया इसे देश की तत्कालीन सामाजिक -आर्थिक परिस्थितियों के  परिप्रेक्ष्य में देखें और पढ़ें । निश्चित रूप से इन 36 वर्षों में परिस्थितियाँ काफी कुछ बदली हैं और पहले की तुलना में लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आया है । इसके बावज़ूद  विकास की तीव्र गति वाली दौड़ में करोड़ों लोग पीछे रह गए हैं । देश के कई कोनों में  आर्थिक विषमताओं  का अँधेरा आज भी कायम है ।उन्हीं विषमताओं के अँधकार से घिरे लोगों के दर्द को अभिव्यक्त करने की कोशिश  है मेरी यह रचना ।

No comments:

Post a Comment