Saturday, December 10, 2011

जरा याद करो कुर्बानी !

       स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा और छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह का शहीदी दिवस आज दस दिसम्बर को मनाया जाएगा. वह रायपुर जिले के सोनाखान क्षेत्र के एक ऐसे लोकप्रिय और परोपकारी ज़मींदार थे, जिन्होनें सन १८५६-५७ के भयानक अकाल के दिनों में गरीब और भूखे किसानों, मजदूरों के पेट की आग शांत करने के लिए एक साहूकार के गोदामों से अनाज निकलवाकर जनता को दिलवाया और बाकायदा अपने इस कार्य की सूचना अंग्रेज प्रशासन को भी भेजी ,जिसे उनका यह परोपकार नागवार लगा. फिरंगी प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया. 
यहीं से शुरू हुआ ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नारायण सिंह का संग्राम जो आगे चल कर देश की आज़ादी के लिए उनके संघर्ष और बलिदान  में तब्दील हो गया .अंग्रेजों की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनायी इतिहासकारों के अनुसार उन्हें फांसी दी गयी . बताया जाता है कि उन्हें ब्रिटिश फ़ौज की जनरल परेड के वक्त सबके सामने फाँसी  पर लटकाया गया.वह रायपुर के (वर्तमान) जय स्तम्भ चौक पर आज ही के दिन सन १८५७ में भारत माता की आज़ादी के लिए शहीद हो गए . 
 वीर नारायण सिंह  भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद के रूप में आज भी याद किये जाते हैं . यह भी उल्लेखनीय है कि झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के नेतृत्व में फिरंगियों से मुक्ति के लिए भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम भी १८५७ में शुरू हुआ था. बहरहाल सोनाखान के अमर शहीद वीर नारायण सिंह को आज उनके शहादत दिवस के मौके पर विनम्र श्रद्धांजलि .
संयोगवश वीर नारायण सिंह के शहीदी दिवस पर आज ही अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस भी है, जो संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित है. मानव-अधिकारों के प्रति जन-चेतना बढाने के लिए दस दिसंबर १९४८ से हर साल दुनिया भर में मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा  है. भरपेट भोजन  और स्वाभिमान के साथ जीने की आज़ादी प्रत्येक मानव  के सबसे महत्वपूर्ण अधिकार  हैं, जिनके लिए छत्तीसगढ़ में वीर नारायण सिंह ने सन १८५७ में कठिन संघर्ष किया था .                                                                                    - स्वराज्य करुण
                                                                    

5 comments:

  1. सशक्त और प्रभावशाली पोस्ट...

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  2. शहीद वीरनारायण सिंह जी छत्तीसगढ की विभूति हैं। इन्होने गरीबों की भूख की पीड़ा को समझा और उन्हे अनाज उपलब्ध करवाया। विनम्र श्रद्धांजलि

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  3. महान क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह को नमन!

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  4. छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह को नमन !

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  5. अमर शहीद वीर नारायण सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि .

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