ईमानदार हो या बेईमान ,सबको आशीर्वाद देते हैं भगवान ! उसके दरबार में
हर तरह के लोग आते-जाते रहते हैं !. जैसे वह कोई नेता हो ,जिसके घर सुबह
से शाम और देर रात तक किसम -किसम के चेहरे मंडराते रहते हैं ! चोर , डकैत ,
पाकेटमार , कालेधन के सफेदपोश कारोबारी, जरूरतमन्द जनता ,सबके सब अपने काम- धंधे पर निकलने से पहले अपनी
मुराद पूरी करवाने के लिए भगवान या अल्लाह के दरबार में मत्था टेकते हैं !
मेहनतकश किसान अच्छी फसल के लिए , मजदूर अच्छी मजदूरी के लिए , व्यापारी कारोबार में बरक्कत के लिए , नेता , मंत्री और अफ़सर अपनी तरक्की और पदोन्नति के लिए देवी - देवताओं के दरबार में पहुँचते हैं ,या नहीं तो उनके प्रतिनिधि के रूप में गद्दी पर बैठे कलियुगी बाबे - बाबियों के डेरे पर आशीर्वाद लेने जाते हैं । कहने का मतलब ये कि अच्छे - बुरे सभी तरह के लोग अपने -अपने धंधे -पानी की बढ़ोत्तरी के लिए भगवान या अल्लाह की खुशामद करते रहते हैं । वह इनमें से आखिर किसकी - किसकी मनोकामना पूरी करता होगा ? क्या कोई बता सकता है ? -स्वराज करुण
मेहनतकश किसान अच्छी फसल के लिए , मजदूर अच्छी मजदूरी के लिए , व्यापारी कारोबार में बरक्कत के लिए , नेता , मंत्री और अफ़सर अपनी तरक्की और पदोन्नति के लिए देवी - देवताओं के दरबार में पहुँचते हैं ,या नहीं तो उनके प्रतिनिधि के रूप में गद्दी पर बैठे कलियुगी बाबे - बाबियों के डेरे पर आशीर्वाद लेने जाते हैं । कहने का मतलब ये कि अच्छे - बुरे सभी तरह के लोग अपने -अपने धंधे -पानी की बढ़ोत्तरी के लिए भगवान या अल्लाह की खुशामद करते रहते हैं । वह इनमें से आखिर किसकी - किसकी मनोकामना पूरी करता होगा ? क्या कोई बता सकता है ? -स्वराज करुण