शरद में भी आ गया
गरजता बरसता सावन
कैसे जलेगा और मरेगा
दशहरे का रावण ?
समुद्री चक्रवात ने बिगाड़ा
त्यौहार का मजा ,
इंसान को शायद मिल रही है
कुदरत पर हो रहे
अत्याचारों की सजा !
धन-पशु चबा रहे पूरा का पूरा
हरा-भरा जंगल ,
जनता के सामने
एक-दूजे के साथ
करते हैं सिर्फ दिखावे का दंगल !
हम निरीह मानव हमें तो
अध-बीच इन्हीं के रहना है ,
पानी में रह क्यों बैर करें
इनका ही सब कुछ सहना है !
-स्वराज्य करुण
गरजता बरसता सावन
कैसे जलेगा और मरेगा
दशहरे का रावण ?
समुद्री चक्रवात ने बिगाड़ा
त्यौहार का मजा ,
इंसान को शायद मिल रही है
कुदरत पर हो रहे
अत्याचारों की सजा !
धन-पशु चबा रहे पूरा का पूरा
हरा-भरा जंगल ,
जनता के सामने
एक-दूजे के साथ
करते हैं सिर्फ दिखावे का दंगल !
हम निरीह मानव हमें तो
अध-बीच इन्हीं के रहना है ,
पानी में रह क्यों बैर करें
इनका ही सब कुछ सहना है !
-स्वराज्य करुण
बिलकुल सटीक अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteअभी अभी महिषासुर बध (भाग -१ )!
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (15-10-2013) "रावण जिंदा रह गया..!" (मंगलवासरीय चर्चाःअंक1399) में "मयंक का कोना" पर भी है!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'