उठ जाग मुसाफिर जाग ,
होलिका दहन के बाद हरियाणा में
भड़की आरक्षण की आग !
देश के लिए बन गया आरक्षण भस्मासुर
लेकिन भारत भाग्य विधाता
अलमस्त नशे में चूर !
आरक्षण ने फैलाया घनघोर जातिवाद ,
गायब होने लगा समाज से प्यार भरा संवाद !
क्यों ज़रूरी है बोलो आरक्षण की बैसाखी ,
प्रतियोगिता में भी क्यों हो
भेदभाव की झांकी ?
कहते हैं कि जाति-धर्म का
भेद नहीं अपने संविधान में ,
फिर क्यों आग लगाता है कोई अपने हिन्दुस्तान में ?
- - स्वराज्य करुण
सार्थक सामयिक....
ReplyDeleteहोली की सादर शुभकामनाएं....
कहते हैं कि जाति-धर्म का
ReplyDeleteभेद नहीं अपने संविधान में ,
फिर क्यों आग लगाता है कोई अपने हिन्दुस्तान में
wartaman sandarbha me sarthak post.
badhai.
यही रहेगा चमन यहीं रहेंगी बुलबुलें, अपनी अपनी बोलियां बोलकर उड़ जाएगें, होली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteवाह भई स्वराज ही
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है आपने ...
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ReplyDelete♥
देश के लिए बन गया आरक्षण भस्मासुर
लेकिन भारत भाग्य विधाता
अलमस्त नशे में चूर !
आरक्षण ने फैलाया घनघोर जातिवाद ,
गायब होने लगा समाज से प्यार भरा संवाद !
क्यों ज़रूरी है बोलो आरक्षण की बैसाखी ,
प्रतियोगिता में भी क्यों हो
भेदभाव की झांकी ?
कहते हैं कि जाति-धर्म का
भेद नहीं अपने संविधान में ,
फिर क्यों आग लगाता है कोई अपने हिन्दुस्तान में ?
सच कहा आपने ...
आह... !
क्यों आग लगाता है कोई अपने हिन्दुस्तान में ??
आप हमेशा सार्थक और परिपक्व लिखते हैं