Wednesday, October 18, 2023
(आलेख) इतने भजन ,इतने पूजन ,इतनी प्रार्थनाएँ , सब व्यर्थ
इतने भजन ,इतने पूजन ,इतनी प्रार्थनाएँ,
इंसानी बर्बरता के आगे कोई काम न आए।
क्या वे लाखों लोग अपने बचाव के लिए अपने -अपने अज्ञात ,अदृश्य ईश्वर से प्रार्थना नहीं कर रहे होंगे , जो हमास और इजरायल के बीच 12 दिनों से जारी विनाशकारी युद्ध में फँसे हुए हैं ? सब व्यर्थ गया। गजा के एक अस्पताल पर बमबारी जहाँ लज्जाजनक है ,वहीं इसके फलस्वरूप अस्पताल में 500 मौतों की ख़बर बेहद पीड़ादायक । ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस घिनौने हमले में मरने वालों और घायलों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
मनुष्य बीमार पड़ने पर अपने स्वास्थ्य के लिए ,अपनी प्राण रक्षा के लिए अस्पतालों की शरण लेता है, लेकिन अगर किसी अस्पताल पर ही बमबारी हो तो इंसान आख़िर जाए तो जाए कहाँ ? क्या इस क्रूरतम हमले में डॉक्टर्स ,नर्स और अस्पताल के अन्य कर्मचारी भी मरे या घायल नहीं हुए होंगे ,जो वहाँ मरीजों की सेवा के लिए तैनात थे?
यह बमबारी चाहे जिसने भी की हो , वह इंसान तो हो ही नहीं सकता। उसकी हैवानियत की सबको एक स्वर से निन्दा करनी चाहिए ।हमास और इजरायल दोनों एक -दूसरे पर इस शर्मनाक करतूत का आरोप लगा रहे हैं । कौन सही है और कौन गलत , यह तय कर पाना वहाँ चल रही भयानक हिंसा और प्रतिहिंसा के माहौल में बहुत कठिन हो गया है। यह ख़ूनी लड़ाई हर हालत में रुकनी चाहिए। अस्पताल में हुई सैकड़ों मौतों के लिए दोनों पक्षों को सार्वजनिक रूप से पश्चाताप करना चाहिए ,क्योंकि अगर वे युद्ध नहीं करते तो ऐसा क्यों होता ?
-स्वराज्य करुण
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