Tuesday, December 6, 2011

खेती को भी मिलना चाहिए उद्योग का दर्जा

 किसी भी  उद्योग के लिए पैसा ,पानी , ज़मीन , कच्चा माल और मानव श्रम की ज़रूरत होती है और खेती के लिए भी यह सब ज़रूरी होता है.फिर उद्योग और खेती में क्या अंतर है ? अगर टाटा ,अम्बानी , जिंदल , माल्या वगैरह उद्योगपति माने जाते हैं, तो हमारे देश का किसान भी उद्योगपति कहलाने का हकदार है. खेती उसका उद्योग है , जो मानव जीवन के लिए अन्य किसी भी उद्योग से ज्यादा मूल्यवान है. किसान के इस उद्योग से अन्न उपजता है ,जो हर इंसान की भूख मिटा कर दुनिया को ज़िंदा रखता है .क्या अनाज खेती के अलावा अन्य किसी कारखाने में पैदा हो सकता है ? अगर नहीं तो फिर यह मान लेना चाहिए कि दुनिया में खेती ही सबसे बड़ा उद्योग है. शुरुआत हमारे कृषि प्रधान भारत से हो और हम अपने देश में खेती को कानूनी रूप से उद्योग का दर्जा देकर दुनिया को सही रास्ता दिखाएँ . यह दुनिया भर के करोड़ों-अरबों मेहनतकश किसानों के हित में होगा .उद्योग के रूप में खेती बढ़ेगी तो दुनिया से  भुखमरी की समस्या भी खत्म हो जाएगी. खेती ही एक मात्र ऐसा उद्योग है , जिससे पर्यावरण पर कोई विपरीत असर नहीं होता . जैसे उद्योगों में मशीनों का उपयोग होता है ,उसी तरह अब तो हल और बैलों के अलावा खेती के लिए भी आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल होने लगा है .  इसलिए भी खेती और उद्योग में अब कोई फर्क नहीं किया जा सकता .खेती को कानूनी रूप से उद्योग का दर्जा देने के साथ-साथ हमें कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा देना होगा . अनाज और सब्जियों के प्रसंस्करण से कई प्रकार की स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य वस्तुएँ तैयार होती है. खेती को उद्योग का  दर्जा मिलने पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा .इससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा और बेरोजगारी की समस्या भी कम होगी .आपके क्या विचार हैं ?   
                                                       ---    स्वराज्य करुण 

4 comments:

  1. आपसे सहमत हूं, खेती को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए। यह मांग बरसों से उठ रही है। किसी भी सरकार ने इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।

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  2. आपकी बातों से सहमत हैं :-)समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है

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  3. आपके विचारों से सहमत हूँ ..

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  4. सहमत हूं- दुनिया में मूल्यवान खेती ही सबसे बड़ा उद्योग है. शुरुआत हमारे कृषि प्रधान भारत से हो और हम अपने देश में खेती को कानूनी रूप से उद्योग का दर्जा देकर दुनिया को सही रास्ता दिखाएँ. दुनिया भर के करोड़ों-अरबों मेहनतकश किसानों के हित में होगा,बढ़ावा देना.

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