tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post8999842459413454189..comments2023-12-10T15:12:03.790+05:30Comments on मेरे दिल की बात: एक चौंकाने वाली खबरSwarajya karunhttp://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-72233111008689996592010-08-25T17:20:39.928+05:302010-08-25T17:20:39.928+05:30बड़े काम का बाजा
रेडियो बड़े काम का बाजा है इसे ...बड़े काम का बाजा <br /><br />रेडियो बड़े काम का बाजा है इसे कुछ लोग बुद्धू बाजा बनाने में लगे हैं ख़ास करके एफ एम् वाले मगर एक दिन देख लीजिएगा वे धकिया दिए जाएंगे क्योंकि श्रोता अब परिपक्व हो गए है ....और जैसे अखबार को धंधा करते नहीं देख सकते उसी तरह रेडियो को भी उन बंदरों और बंदरियाओं के हाथ में ज्यादा दिनों तक नहीं झेल पाएंगे जिनका मकसद चुगली जैसे कार्यक्रम के जरिये श्रोताओं को लगातार बरगलाना है ,एक पूरी पीढी को सिर्फ गंदे गाने सुना कर दिग्भ्रमित करना है| उनका टार्गेट शहर है गांव नहीं| मैं आज भी विविध भारती सुनता हूँ और पिटारा, सखी-सहेली, मनचाहे गीत जैसे कार्यक्रम चाव से सुनता हूँ| कमल शर्मा, रेनू बंसल जैसे प्रस्तोता एफ एम् में कहाँ मिलेंगे जो रेडियो को जीते हैं| शुक्र सरकार का भी है जिसके नॉर्म्स इतने तगड़े हैं कि रेडियो का मतलब आज भी आकाशवाणी ही है और शायद रहेगा| <br /><br />रमेश शर्मा <br />शर्मारमेश.ब्लॉगस्पाट . कॉमरमेश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/02460937692115119359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-1630593777452311622010-08-25T03:35:15.971+05:302010-08-25T03:35:15.971+05:30बहुत अच्छी रिपोर्ट ...धन्यवाद !
मेरे भैया .....रान...बहुत अच्छी रिपोर्ट ...धन्यवाद !<br /><a href="http://www.quackit.com/html/codes" rel="nofollow">मेरे भैया .....रानीविशाल </a><br />रक्षाबंधन की ढेरों शुभकामनाए !!रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-9235633415787891522010-08-24T07:51:10.263+05:302010-08-24T07:51:10.263+05:30श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई
लां...<i><b> श्रावणी पर्व की शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई <br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/08/blog-post_24.html" rel="nofollow">लांस नायक वेदराम!---(कहानी)<br /></a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-73487159567565777192010-08-23T16:25:22.454+05:302010-08-23T16:25:22.454+05:30प्रिय स्वराज्य करुण जी
आपकी फोटो से कुछ खास हाथ न...प्रिय स्वराज्य करुण जी <br />आपकी फोटो से कुछ खास हाथ नहीं लगा और प्रोफाइल अधूरा सा है अब केवल यह पक्का कर दें कि कभी आप जगदलपुर में तैनात थे और 'हिन्दी उर्दू के सेतुबंध गनी आमीपुरी' के आयोजन में आपकी कोई भूमिका थी :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-28009967765292997022010-08-22T22:53:41.422+05:302010-08-22T22:53:41.422+05:30श्री स्वराज जी
आपका ब्लाग देखा बहुत अच्छा लगा .
&...श्री स्वराज जी <br />आपका ब्लाग देखा बहुत अच्छा लगा .<br />" एक चौकाने वाली खबर " अच्छी लगी .<br />आपने रेडियो और उसकी महत्ता पर बहुत ही सुंदर एवम् प्रशंसनीय लेख लिखा है , मै आपका शुक्रिया अदा करता हूँ .<br />वास्तव मे रेडियो की महत्ता को बरकरार रखना आज के समय मे बहुत ही मुश्किल कार्य है .इस कार्यक्रम को देखे बिना शायद आप भी इतना अच्छा लेख नही लिख पाते .शायद विश्वास भी ना करते .देश भर के रेडियो श्रोताओ का जुनून देखते ही बनता था .मै स्वयं भावविभोर हो गया था .रेडियो एक ऐसी चीज है जो हमें राज्य, देश और भाषा की सीमाओं को लांघ कर आपस में जोड़ती है। रेडियो और टेलीविज़न में मूल अंतर यह है कि" रेडियो पूरा परिवार एक साथ बैठ कर सुन सकता है लेकिन टेलीविज़न को हम पूरे परिवार के साथ बैठ कर नही देख सकते ". यह वाक्य एक दिन घोष वाक्य बनेगा.इस कार्यक्रम की सफलता का सेहरा आपने मेरे सिर बाँधा इसके लिए मै आपका आभारी हूँ . वास्तविकता यह है कि इस सम्मेलन की तैयारी के लिए मेरे असंख्य श्रोता मित्र कई दिनों से लगे थे. उनकी मेहनत का नतीजा आपके सामने है .ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-24792083649761811292010-08-22T17:56:55.665+05:302010-08-22T17:56:55.665+05:30sanchar madhyamon, chahe wo drishya ho ya shravya,...sanchar madhyamon, chahe wo drishya ho ya shravya, apni apni upyogita hai. samachar madhyam ek bahut bada astra hai jiska samuchit upyog sirf samajhdar aur mature vyakti hi kar sakta hai. galtiyan yadi hain, to samachar madhyam ki nahi, unko chalane walon ki hai.fir sabki apni apni pasand hai. kisi ko shastriya sangeet achchha lagta hai, to kisi kisi ko bore bhi karta hai. mujhe lagta hai ki radio k sath sath tv channelon ka tathakathit manoranjan ka tadka bhi jaruri hai aur usko bhi hamen utna hi enjoy karna chahiye jitna hum radio ko karte hain. sadar-BALMUKUNDBalmukundhttps://www.blogger.com/profile/00879256773986591319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-52463255687761132912010-08-22T07:06:19.421+05:302010-08-22T07:06:19.421+05:30कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटाएं
यह प्रक्रिया अपनाएं
प...कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटाएं<br />यह प्रक्रिया अपनाएं<br /><br />पहले डेशबोर्ड पर <br />फ़िर सेटिंग<br />फ़िर टिप्पणियाँ पर<br />और फ़िर उसमें वर्ड वेरिफ़िकेशन आपश्न को नहीं कर दें।<br />और सेव कर दें।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-14992457401378037342010-08-22T07:04:12.996+05:302010-08-22T07:04:12.996+05:30वाह बहुत बढिया रिपोर्टिंग है।
रेड़ियो के श्रोताओं क...वाह बहुत बढिया रिपोर्टिंग है।<br />रेड़ियो के श्रोताओं का दूरदर्शन ने बलात अपहरण कर लिया था।<br />अब वे पुन: आजाद हो रहे हैं,और रेड़ियो की तरफ़ उन्मुख।<br />फ़िर से रेड़ियो का जमाना आ रहा है। स्वागत है।<br /><br /><a href="http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html" rel="nofollow">आह इतना प्रेम! दरिया फ़ूट पड़ा प्रेम का………</a>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com