tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post7990718473938644043..comments2023-12-10T15:12:03.790+05:30Comments on मेरे दिल की बात: अब क्यों नहीं बजते ये फ़िल्मी गाने ?Swarajya karunhttp://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-62268220880361778532017-08-22T11:54:24.454+05:302017-08-22T11:54:24.454+05:30आज भी पुराने गीत ही सुने जाते हैं। नए गाने तो केवल...आज भी पुराने गीत ही सुने जाते हैं। नए गाने तो केवल बजते हैं जिनकी रिदम पर युवा थिरक लेते हैं। सुनता कौन है।अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-68494061758618764832017-08-22T11:27:40.670+05:302017-08-22T11:27:40.670+05:30बदलाव की बयार बह रही है ... इसलिए सब बदल रहा है .....बदलाव की बयार बह रही है ... इसलिए सब बदल रहा है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-56935799966517597602017-08-21T19:19:22.664+05:302017-08-21T19:19:22.664+05:30वर्तमान में तो फ़िल्मी गीत लिखने वालों को खुद पता न...वर्तमान में तो फ़िल्मी गीत लिखने वालों को खुद पता नहीं क्या लिख रहे हैं, इसलिए याद भी नहीं रहे। पुराने गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं। ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-44320646984511912992017-08-21T17:20:10.486+05:302017-08-21T17:20:10.486+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (22...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (22-08-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "सभ्यता पर ज़ुल्म ढाती है सुरा" (चर्चा अंक 2704) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com