tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post6827482245462723928..comments2023-12-10T15:12:03.790+05:30Comments on मेरे दिल की बात: (ग़ज़ल ) रूपयों के भगवान !Swarajya karunhttp://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-68476925287623220892011-02-28T21:54:01.516+05:302011-02-28T21:54:01.516+05:30हवेली में है मंदिर ,यहाँ झोपड़ी में पुजारी
क्या कह...हवेली में है मंदिर ,यहाँ झोपड़ी में पुजारी<br /> क्या कहें दो लफ्ज़ भी वीरान हो गये !<br /><br />बहुत खूब कहा है आपने ...।Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-87907800871401778612011-02-28T20:21:57.857+05:302011-02-28T20:21:57.857+05:30यहाँ भीड़ मुखौटों की , हर कोई अकेला
...यहाँ भीड़ मुखौटों की , हर कोई अकेला <br /> सैलाब में शहर के, सब अनजान हो गये !<br />...<br /><br />बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..हरेक शेर बहुत उम्दा..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-43472605490805619982011-02-28T12:30:22.446+05:302011-02-28T12:30:22.446+05:30अपनों को अपनेपन से भी नहीं मतलब ,
...अपनों को अपनेपन से भी नहीं मतलब ,<br /> सबके सब रूपयों के भगवान हो गये ! <br /><br /> <br /> हवेली में है मंदिर ,यहाँ झोपड़ी में पुजारी<br /> क्या कहें दो लफ्ज़ भी वीरान हो गये !.....<br /><br />यथार्थपरक बेहतरीन ग़ज़ल...हार्दिक बधाई.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-87058127142769465432011-02-27T18:11:14.806+05:302011-02-27T18:11:14.806+05:30मन मंदिर में विराजे राम.मन मंदिर में विराजे राम.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-31489934916937342582011-02-27T13:17:17.752+05:302011-02-27T13:17:17.752+05:30सबके सब रूपयों के भगवान हो गये !---सच ही कलयुग है,...सबके सब रूपयों के भगवान हो गये !---सच ही कलयुग है, करुण जी....शानदार गज़ल... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-70345777644747353372011-02-27T12:19:18.002+05:302011-02-27T12:19:18.002+05:30यहाँ भीड़ मुखौटों की , हर कोई अकेला
...यहाँ भीड़ मुखौटों की , हर कोई अकेला <br /> सैलाब में शहर के, सब अनजान हो गये !<br /><br />कितना सटीक कहा है……………आज के हालात का सटीक चित्रण किया है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-90042197009082448982011-02-27T11:50:17.067+05:302011-02-27T11:50:17.067+05:30कल तक जो यार थे, करते हमें प्यार थे ,
भूली-बिसरी ...कल तक जो यार थे, करते हमें प्यार थे ,<br />भूली-बिसरी यादों की पहचान हो गये !<br /><br />प्यार, इंसानियत जैसी बातें अब सचमुच बिसरती जा रही हैं।<br />आज की परिस्थिति का अच्छा चित्रण है इस ग़ज़ल में।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-59668978436798698582011-02-27T10:25:43.599+05:302011-02-27T10:25:43.599+05:30बहुत सुंदर गजल है, हरेक शेर वजनदार है। धन्यवाद|बहुत सुंदर गजल है, हरेक शेर वजनदार है। धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-84572959352225537152011-02-27T10:07:19.814+05:302011-02-27T10:07:19.814+05:30@हवेली में है मंदिर ,यहाँ झोपड़ी में पुजारी
क्या कह...@हवेली में है मंदिर ,यहाँ झोपड़ी में पुजारी<br />क्या कहें दो लफ्ज़ भी वीरान हो गये !<br /> बहुत सुंदर गजल है, हरेक शेर वजनदार है।<br /><br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com