tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post1488496070704992890..comments2023-12-10T15:12:03.790+05:30Comments on मेरे दिल की बात: कौन उठाएगा पहला पत्थर ?Swarajya karunhttp://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-46338379033497495972011-04-27T15:43:33.937+05:302011-04-27T15:43:33.937+05:30धार्मिक मुद्दों पर परिचर्चा करने से आप घबराते क्यो...धार्मिक मुद्दों पर परिचर्चा करने से आप घबराते क्यों है, आप अच्छी तरह जानते हैं बिना बात किये विवाद ख़त्म नहीं होते. धार्मिक चर्चाओ का पहला मंच , धर्मनिरपेक्ष नहीं धार्मिक बनिए.<br />यदि आप भारत माँ के सच्चे सपूत है. धर्म का पालन करने वाले हिन्दू हैं तो<br />आईये " हल्ला बोल" के समर्थक बनकर धर्म और देश की आवाज़ बुलंद कीजिये...<br />अपने लेख को हिन्दुओ की आवाज़ बनायें. <br />इस ब्लॉग के लेखक बनने के लिए. हमें इ-मेल करें.<br />हमारा पता है.... hindukiawaz@gmail.com<br />समय मिले तो इस पोस्ट को देखकर अपने विचार अवश्य दे<br />देशभक्त हिन्दू ब्लोगरो का पहला साझा मंच<br /><a href="http://vishvguru.blogspot.com/" rel="nofollow">हल्ला बोल</a>हल्ला बोलhttps://www.blogger.com/profile/12194388500228751046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-12885423294209519602011-04-07T23:46:58.310+05:302011-04-07T23:46:58.310+05:30( व्यथित लोकतंत्र )
अब तो प्रशाशन का ,यही मूलमंत...( व्यथित लोकतंत्र ) <br /><br />अब तो प्रशाशन का ,यही मूलमंत्र है <br />भ्रष्ट सारा तंत्र यहाँ, व्यथित लोकतंत्र है <br /><br />जांच कमेटी बने,आंच नहीं आये पर <br />जनता के नाम का,ये कैसा प्रजातंत्र है <br /><br />जीत जाती बेईमानी,हारती इमानदारी<br />आदमी के हाथो अब,आदमी परतंत्र है<br /><br />कैसे सुराज आये,कैसे रामराज्य आये <br /> नेताओं के हाथो की,संसद बनी यन्त्र है<br /><br /><br />ye panktiyaan bani hai sir ji aashirwaad chhahungaAJMANI61181https://www.blogger.com/profile/08238801458994718027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-29199301789745857302011-04-07T16:36:04.215+05:302011-04-07T16:36:04.215+05:30Har koi apne aap se ye sawaal imaandaari se kare t...Har koi apne aap se ye sawaal imaandaari se kare to jawaab mil jaayga ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-24044625049567818042011-04-07T08:51:50.927+05:302011-04-07T08:51:50.927+05:30upyogi lekh .
hum bhi is ladai me Anna ji ke saat...upyogi lekh . <br />hum bhi is ladai me Anna ji ke saath hain .Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-18277031711533447902011-04-07T08:37:44.950+05:302011-04-07T08:37:44.950+05:30दूसरों के भ्रष्टाचार का विरोध सभी करते दिखते हैं औ...दूसरों के भ्रष्टाचार का विरोध सभी करते दिखते हैं और अपनी बारी आने पर सब कुछ भूल जाते हैं । भ्रष्टाचार का एक नाम दुनियादारी रखा है हमने । जब हम कहते हैं कि हम तंग हो चुके भ्रष्टाचार से तो मुझे आश्चर्य होता है । बहुत से लोग मजबूरी, परिस्थिति , जरूरत , जल्दी ,परेशानी, नहीं तो भाई-चारे के नाम पर हर दिन भ्रष्टाचार का साथ देते हैं और भ्रष्टाचार करते हैं । और लालच किसके अंदर नहीं ? अन्ना हजारे इस ज्वलंत समस्या पर समाज का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं लोकपाल बिल के माध्यम से । एक अत्यंत सराहनीय कदम , समाज की निस्वार्थ सेवा है ये । राष्ट्रिय स्तर पर होने वाले इस तरह के अराजनैतिक आंदोलनों के माध्यम से है लोगों में जागृति आएगी ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-87069140164972862802011-04-06T11:42:58.135+05:302011-04-06T11:42:58.135+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (7-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115179131781037598.post-11579752317132358792011-04-06T08:59:11.407+05:302011-04-06T08:59:11.407+05:30एक ही हैं हजारों-हजार के बराबर.एक ही हैं हजारों-हजार के बराबर.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com