Friday, July 20, 2012

अभिनय और ऐय्याशी !

 

आप सभी से पूछना चाहता हूँ- क्या अधिकाँश फ़िल्मी कलाकारों के लिए अभिनय और ऐय्याशी एक ही सिक्के के दो पहलू नहीं हैं ? अगर नहीं तो . फिर एक-एक अभिनेता की जिंदगी में पत्नी के अलावा तीन-तीन ,चार-चार घोषित-अघोषित रखैलें क्यों आती-जाती रहती हैं ? ये कलाकार फिल्मों में कहानी की मांग के अनुसार समाज को नैतिकता का पाठ पढाते  नज़र आते हैं . 
   कई औरतों से खुले आम इश्क लडाने वाले ऐसे कथित अभिनेता जब दुनिया को अलविदा कह कर विदा हो जाते हैं , अखबार ,रेडियो और टेलीविजन चैनल दिन रात इनकी शान में कसीदे पढ़ने.. लग जाते हैं और इनकी कथित महानता से भरी जीवनी सुना-सुना कर इन्हें महान कलाकार घोषित कर देते हैं और इन्हें समाज का और युवा पीढ़ी का 'रोल-मॉडल' साबित करने लगते हैं !अब इन्हें ही लीजिए ! अखबारों में छपी इनकी महान जीवन गाथा के अनुसार सबसे पहले इनका अंजू महेन्द्रू नामक महिला कलाकार से अफेयर हुआ ,फिर अपनी उम्र से पन्द्रह साल छोटी डिम्पल नामक अभिनेत्री से प्यार के इज़हार के साथ शादी हुई और कुछ साल बाद शादी टूट गयी , हालांकि डिम्पल ने तलाक नहीं लिया , फिर कोई टीना मुनीम नामक एक अभिनेत्री इनकी जिंदगी में आयी , लेकिन टीना इनकी गैर-ब्याहता के रूप में कुछ वर्षों तक साथ-साथ रही पर इन्होने टीना के कहने के बावजूद उसे शादी नहीं की , क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि डिम्पल एक दिन फिर उनकी जिंदगी में लौट आएगी , हालांकि तब तक तो टीना के साथ ही काम चलता रहा . बहरहाल डिम्पल इनके पास वापस आ गयी और टीना 'मुनीम ' से एक बहुत बड़े खरबपति की पत्नी बन गयी . 
   लगभग इसी तरह की ऐय्याशी भरी प्रेम कथाएँ कई ऐय्याश कलाकारों की है . दुर्भाग्य की बात है कि इसके बावजूद मीडिया की मेहरबानी से विज्ञापन-संस्कृति के इस बेशर्म दौर में प्रचार-प्रसार की बाजारू कला औरतबाजी करने वाले इन कथित कलाकारों को हर हालत में महान साबित करके ही दम लेती है, . (ऐसे दिवंगत महान कलाकार अगर मेरी बातों का बुरा लगा हो कृपया क्षमा करें ) -स्वराज्य करुण

4 comments:

  1. मैं आपके हिम्मत की दाद देता हूँ .साथ ही आपके विशाल ह्रदय को प्रणाम करता हूँ .जिंदगी के एक पक्ष की चर्चा कभी भी न्याय संगत नहीं होती .
    एक नसीहत नहीं सच्चाई को हमेशा याद रखना चाहिए बुरा जो देखन ..................बुरा न मिलिया कोय ...

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  2. मानव सुलभ दुर्बलताएं देव,दानव,किन्नर,नर,नारी सभी में होती हैं।

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  3. media ke baare me jo likha wo sahi hai..par har insaan me kuch cheeje galat hoti hai aur kuch sahi..jo galat karta hai wo parinaam to aakhir bhugata hai..ham kaun hote hai kisi insaan me galatiya nikalne waale..

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  4. न जाने क्‍या सच-झूठ.

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